बेईमानी और भ्रष्टाचार के खिलाफ
दिखावे की जंग वह लड़ रहे हैं,
पर उनकी तलवारें म्यान में रखी हैं।
कमीज की आस्तीनें ऊपर वह कर रहे हैंे,
जैसे जीत की राह में बढ़ रहे हैं,
हकीकत नहीं है उनका यह नाटक
सभी के मुंह लग गया है खून
दूसरे के मांस की बरफी सभी ने चखी है।
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संकलक एवं संपादक-दीपक भारतदीप,Gwalior
http://deepkraj.blogspot.com
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हम भारत, भारती, और भारतीयता के संवाहक हैं और धर्मनिरपेक्षता तामस गुण की
पहचान है(भाग एक) we have an Bharat.,Bharati, bhartiyata Thought, Seculisma
is Tanasi type (part-1)
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पहले तो प्रश्न यह है कि क्या हम सर्वधर्म समभाव की विचाराधारा से सहमत हैं?
जवाब अगर हां है तो फिर यह समझाना पड़ेगा कि धर्म का आशय क्या है? भारत
विश्वगुरु है...
5 years ago
1 comment:
सही बात है..
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