जरूरतें समाप्त नहीं होने वालीं और वह व्यापार चलाती हैं। जितनी इस समय मंदी है उतनी ही कुछ समय बाद तेजी आयेगी। वैसे पैसा वही लोग रोक रहे हैं जिन्हें सौ रुपये एटीएम से मिले हैं। जब सभी एटीएम अपडेट हो जायेंगे और उसमं से पांच सौ और दो हजार के नोट निकलेंगे तब झख मारकर लोग खर्च करेंगे। कुछ लोगों ने हमारे साथ बातचीत में माना कि हां पांच सौ और दोहजार रुपये के नोट निकल रहे हैं उन पर भीड़ शहर के मुख्य स्थानों के एटीमों से ज्यादा हैं-वहां के एटीएम अपडेट हो गये हैं। वह पांच सौ और दो हजार के नोट निकल रहे हैं। हमारा अनुमान है कि एक दिसम्बर के बाद बाज़ार में रुपया तेजी से आयेगा और पुरानी मंदी की भरपाई करते हुए तेजी आयेगी।
नोटबंदी पर उत्पात की संभावना त्वरित रूप से थी जो खत्म हो गयी है। अब अगर कहीं होता है तो वह कालेधन वालों से प्रायोजित व उनके उनके बौद्धिकों से प्रेरित माना जा सकता है। हमने अपने शहर का दौरा किया। बाहर रहने वाले मित्रों से बात की। परेशानी है पर कहीं खर्च का संकट नहीं है। आज सरकार ने पता नहीं कौनसा दाव खेला कि लाईने बीस फीसदी रह गयी। शायद यह अपने ही बैंक में नोट बदलने तक सीमित रखने या केवल वरिष्ठ नागरिकों को नोट बदलने की सुविधा देने के निर्णय का परिणाम था कि लाईन एकदम कम हो गयी इसका पता नहीं। एटीएम पर अधिकतर लोग ऐसे मिले जो पहले निकाल चुके थे। इनमें तो कुछ ऐसे थे जो आज ही पहले से कहीं निकलवाकर आ गये तो उनका एटीएक कार्ड काम नहीं कर रहा था। लोगों में न उत्साह है न उकताहट। ऐसे में एक बासी हो चुके फैसले पर किसी कठोर प्रतिक्रिया की संभावना नहीं है।
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