पनामा लीक्स में नाम आने के बाद नवाज शरीफ का चेहरा फुंके बल्ब की तरह लगता है पर इसे भारतीय रणनीति का दबाव नहीं समझना चाहिये। उनको एक डर तो राहिल शरीफ से है जिसे चीन उनसे ज्यादा महत्व देता है। दूसरा संकट इमरान खान है जो भ्रष्टाचार विरोधी मोर्चा खोले हुए हैं। पाकिस्तान के टीवी चैनलों पर अनेक वक्ता अपने प्रधानमंत्री की कमजोरी पर कटाक्ष करते हैं कि ‘वह तो धंधेपानी वाला आदमी है क्या हिन्दुस्थान से लड़ेगा।’
अलबत्ता संयुक्त राष्ट्र की बोरिंग सभा में निहायत लचर भाषण ने ही नवाज शरीफ को एक नया संबल दिया है क्योंकि पाक टीवी चैनलों ने कश्मीर के एक मरे आतंकी को अपना राष्ट्रनायक घोषित करने पर हाथोंहाथ उठा लिया। नवंबर में सेवानिवृत्ति की लटक रही तलवार से बचने के लिये राहिल शरीफ के पास अभी उन्हें बेदखल करने का अवसर भी नहीं है। एक तरह से वह आतंकी भारतीय सेना के हाथ से मरकर नवाज शरीफ की आगे प्रधानंमत्री पद पर बने रहने की संभावनाओं को जिंदा कर गया।
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वैसे संयुक्तराष्ट्रसंघ में अधिकतर बोरिंग भाषण दिये जाते हैं। इस सभा के समाचारों विश्व के प्रचार माध्यम ज्यादा महत्व नहीं देते। भारत और पाकिस्तान के प्रतिनिधियों के भाषण इसलिये ज्यादा प्रचारित होते हैं क्योंकि वह आपसी विवादास्पद मसालों को वहां उठाते हैं।
अलबत्ता संयुक्त राष्ट्र की बोरिंग सभा में निहायत लचर भाषण ने ही नवाज शरीफ को एक नया संबल दिया है क्योंकि पाक टीवी चैनलों ने कश्मीर के एक मरे आतंकी को अपना राष्ट्रनायक घोषित करने पर हाथोंहाथ उठा लिया। नवंबर में सेवानिवृत्ति की लटक रही तलवार से बचने के लिये राहिल शरीफ के पास अभी उन्हें बेदखल करने का अवसर भी नहीं है। एक तरह से वह आतंकी भारतीय सेना के हाथ से मरकर नवाज शरीफ की आगे प्रधानंमत्री पद पर बने रहने की संभावनाओं को जिंदा कर गया।
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वैसे संयुक्तराष्ट्रसंघ में अधिकतर बोरिंग भाषण दिये जाते हैं। इस सभा के समाचारों विश्व के प्रचार माध्यम ज्यादा महत्व नहीं देते। भारत और पाकिस्तान के प्रतिनिधियों के भाषण इसलिये ज्यादा प्रचारित होते हैं क्योंकि वह आपसी विवादास्पद मसालों को वहां उठाते हैं।
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