समस्त ब्लॉग/पत्रिका का संकलन यहाँ पढें-

पाठकों ने सतत अपनी टिप्पणियों में यह बात लिखी है कि आपके अनेक पत्रिका/ब्लॉग हैं, इसलिए आपका नया पाठ ढूँढने में कठिनाई होती है. उनकी परेशानी को दृष्टिगत रखते हुए इस लेखक द्वारा अपने समस्त ब्लॉग/पत्रिकाओं का एक निजी संग्रहक बनाया गया है हिंद केसरी पत्रिका. अत: नियमित पाठक चाहें तो इस ब्लॉग संग्रहक का पता नोट कर लें. यहाँ नए पाठ वाला ब्लॉग सबसे ऊपर दिखाई देगा. इसके अलावा समस्त ब्लॉग/पत्रिका यहाँ एक साथ दिखाई देंगी.
दीपक भारतदीप की हिंद केसरी पत्रिका

Sunday, March 13, 2016

किताब में अक्षर अधिक ज्ञान कम है-दीपकबापूवाणी (Kitab mein Akshar adhik Gyan kam hai-DeepakBapuWani)

न अखबार पढ़ा न पर्दे पर दृष्टि डाली, सुबह कितनी शांत चिंता से खाली।
‘दीपकबापू’ अंतर्मन में झांकते जब भी, खबरों से बेखबर हो प्रसन्नता पाली।।
-----------
मस्तिष्क का नहीं हृदय से नाता, हर कोई लालच में फंस जाता।
‘दीपकबापू’ सोच का दायरा सिमटा, संसार गम अपने जताता।।
---------------------
देह दिखे दिमाग की नाप कैसे करें, धवल या काली छाप कैसे भरें।
‘दीपकबापू’ बुद्धिमानों की भीड़ में खड़े, पता नहीं बोलें कि शोर करें।।
------------------
वह शब्दों के पहले दाम तोलते, पूरा शुल्क लेकर ही वाक्य बोलते।
‘दीपकबापू’ खडे विद्वान बाज़ार में, सौदे में सिद्धांत का रस घोलते।।
--------------
मृत्यु सत्य है फिर भी पाखंड होते हैं, ख्यालों के साथ लाश ढोते हैं।
‘दीपकबापू’ जिंदगी धन प्रतिष्ठा से ऊबे, ज्यादा सुख से निराश होते हैं।।
-----------------
किताब में अक्षर अधिक ज्ञान कम है, वाणी में शोर अधिक नहीं दम है।
गणित ज्ञाता बने व्याकरण विशेषज्ञ, ‘दीपकबापू’ भाषा के भाव नम हैं।।
---------------
दावा सभी का जानते धर्म का मर्म, शब्द के सौदे में नहीं आती शर्म।
‘दीपकबापू’ कोई शस्त्र कभी पढ़े नहीं, वही सर्वगुणी करते सभी कर्म।।
--------------
गरीब का दर्द मिटाने निकलते नायक, दवा के नारे लगाते बनकर गायक।
शुल्क लेकर संवेदना बाज़ार में सजाते, ‘दीपकबापू’ सच के नहीं सहायक।।
-----------------
 आगे कागजी बुत पीछे काले चरित्र खड़े, कायर वीर दिखते रोकर बड़े।
‘दीपकबापू’ विज्ञापन युग के पाखंडी, तस्वीरों में ही आदर्श की जंग लड़े।।
--------------

दीपक राज कुकरेजा ‘‘भारतदीप’’
ग्वालियर मध्यप्रदेश
Deepak Raj Kukreja "Bharatdeep"
Gwalior Madhyapradesh
संकलक, लेखक और संपादक-दीपक राज कुकरेजा ‘भारतदीप’,ग्वालियर 
athor and editor-Deepak Raj Kukreja "Bharatdeep",Gwalior
http://zeedipak.blogspot.com

No comments:

अध्यात्मिक पत्रिकायें

वर्डप्रेस की संबद्ध पत्रिकायें

लोकप्रिय पत्रिकायें