समस्त ब्लॉग/पत्रिका का संकलन यहाँ पढें-

पाठकों ने सतत अपनी टिप्पणियों में यह बात लिखी है कि आपके अनेक पत्रिका/ब्लॉग हैं, इसलिए आपका नया पाठ ढूँढने में कठिनाई होती है. उनकी परेशानी को दृष्टिगत रखते हुए इस लेखक द्वारा अपने समस्त ब्लॉग/पत्रिकाओं का एक निजी संग्रहक बनाया गया है हिंद केसरी पत्रिका. अत: नियमित पाठक चाहें तो इस ब्लॉग संग्रहक का पता नोट कर लें. यहाँ नए पाठ वाला ब्लॉग सबसे ऊपर दिखाई देगा. इसके अलावा समस्त ब्लॉग/पत्रिका यहाँ एक साथ दिखाई देंगी.
दीपक भारतदीप की हिंद केसरी पत्रिका
Showing posts with label क्रिकेट. Show all posts
Showing posts with label क्रिकेट. Show all posts

Friday, October 24, 2008

शायद कभी तुम भी बन जाओगे-हिंदी कविता

क्रिकेट जमकर खेलो
मिल जाये तो पर्दे पर भी
कूल्हे मटकाकर लोगों का दिल बहलाओ
खूब जमकर पैसा कमाओ
विज्ञापनों में अभिनय कर
कंपनियों का सामान बिकवाओ
यही है आजकल सच्ची सेवा
खाते रहोगे जीवन भर मेवा
कभी न कभी न महानतम बन जाओगे
पर्दे पर असल जिंदगी नहीं होती
पर नकल सभी की पसंद होती
जमाने के मासूमों से सच में
हमदर्दी का कभी ख्याल भी न करना
उसमें तो बिना फायदे के ही मरना
लोगों की असल सेवा मेंं कभी
अपना नाम नहीं कर पाओगे

विद्यालयों की किताबों में
सच बोलना और सेवा करना
पढ़कर जो चले उसकी राह
जमाने में इज्जत पाने के लिये
वह तरसते हुए भरते हैंं आह
चमकते हैं सितारे वह यहां
पत्थर की तरह किसी काम के न हों
पर चमकते हैं हीरे की तरह
हर कोई उन्हें देखकर कहता है ‘वाह’
उनको देखकर यह भ्रम मत पालना कि
वह कोई फरिश्ते हैं
तुम एक आम आदमी
नहीं तो दर्शकों की भीड़ में खो जाओगे

अगर चमक की चाह नहीं है
डरते हो अपने ईमान से
सच के चमकने की कोई राह नहीं
हीरे की तरह उसकी चमक
हर कोई देख नहीं पाता
अपने जौहरी तुम खुद ही बन जाओ
सत्य पथ ही अग्निपथ है
चलते जाओ
अपने मजबूत इरादों के साथ
अपने काम खुद ही दो इज्जत
जमाने का क्या
पल पल रंग बदलता है
कई चमके लोग नकली चमक के साथ
फिर भी कुछ नहीं आया उनके साथ
सच के साथ खड़े रहे जो लोग
वही बने इतिहास पुरुष
शायद कभी तुम भी बन जाओगे

.................................
यह पाठ मूल रूप से इस ब्लाग‘शब्दयोग सारथी-पत्रिका’ पर लिखा गया है। अन्य ब्लाग
1.दीपक भारतदीप की शब्द लेख पत्रिका
2.शब्दलेख सारथि
3.दीपक भारतदीप का चिंतन
कवि एवं संपादक-दीपक भारतदीप

अध्यात्मिक पत्रिकायें

वर्डप्रेस की संबद्ध पत्रिकायें

लोकप्रिय पत्रिकायें